ये रात जानती है,
हम तुम्हे कितना चाहते है...
तुम्हे नींद न आने पर,
गोदी में बैठाकर, तुम्हे खूब झुलाते हैंl
फिर राजा, रानी , लाल परी की कहानी सुना,
तुम्हे चुपके से सुलाते हैं l
ये रात जानती है,
हम तुम्हे कितना चाहते है...
तुम्हारे सोने के बाद,
घंटो तुम्हे निहारते हैं |
तुम्हारी नींद में हटाई गई कंबल को,
धीरे से तुम्हें उढ़ाते हैंl
ये रात जानती है,
हम तुम्हे कितना चाहते है...
तुम्हारे रोने की आवाज़ से,
तुम्हारी परेशानी का अंदाज़ लगाते हैंl
भूख हो या कोई बुरा सपना,
हम इन उलझनों को तुम्हारी...
एक चुटकी में सुलझाते हैंl
एक दिन, सपना थे तुम,
आज हकीकत हो, इसलिए खुदा का सुकर मनाते हैं..
तुम्हारे साथ होने पर, हर घड़ी खुश होकर गुजारते हैं..
हाँ इसलिए ये रात जानती है...
हम तुम्हे कितना चाहते है... (2)
Archana Brahma ©️
Thanks Sapna Sahu for proofreading.
Wowww
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